चहु ओरे मौज का आलम तो होगा
मुस्कुराती रातो में चाँद तोह होगा
चहकते तेरे चेहरे पे हसी का ठिकाना ना होगा
बारिस के गिरती बूंदों में खनकता करलव तोह होगा
झूमते आकाश में बदलो की अंगड़ाई तो होगी
पर खुदा कसम तेरे बिन पूरा ना
खुदा कसम तेरे बिन पूरा ना होगा
पर, क्या तुझे कल भी आएगी मेरी याद