Saturday, July 30, 2011

एक चाहत.....

या तो तू इतना प्यारा है या तेरा साथ
हम काटों पे भी फूल का एहसास पाए जा रहे

माना तेरे हर शब्दों में मिश्री है
पर तेरी इन बातो के दीवाने हम हुए जा रहे

या तो तू एक ख्वाब है या एक एहसास
तेरे आँखों के साहिल में हम बहे जा रहे


मन बुने जा रहा हजारो ख्वाब
तू दे मेरा साथ चले सारे कदम मेरे साथ

मौका या दस्तूर कहो या नाम दो कुछ और
पर हर पल अब तुम याद आये जा रहे

ये माना की मिले चार दिन नहीं बीते हमे
पर तेरे संग जीवन भर चलने की तमन्ना किये जा रहे

चले जा रहे है हम मुसाफिरों की तरह
जिधर भी यह तमन्ना लिए जा रही

Sunday, July 3, 2011

कुछ तो है.......

कुछ तो बात है तेरी हसरत में ज़ालिम
वरना इन चाँद तारो को मै रात भर न ताकता

कुछ तो बात है तेरी आँखों में सनम
वरना इश जुल्मी जहां में मैं तुझे न धुंधता

कुछ तो बात है तेरी मुस्कान में जानम
वरना हर सुबह, एक सुहानी शाम का इंतजार मैं न करता

कुछ तो बात है तुझमे ए मेरे हम नफ़ज़
वरना हर शक्श में में तू मुझको ना दिखता

कुछ तो बात है तुझमे ए मेरे हम सफ़र
वरना ज़िन्दगी भर तेरे साथ रहने की आरजू मैं ना करता

कुछ तो बात है तेरी फितरत में ज़ालिम
वरना तुझे चाहने की खता मैं बार बार ना करता