Thursday, October 27, 2011

तुम....

बदल दिया है उसने मेरा जहाँ
बना दिया इतना खुशनुमा समां
मन हज़ार करवटे लेता यहाँ
तेरा हाथ थामे चलते रहे हम सदा

तू अनजान तो नहीं मेरे प्यार से
बस एक तमन्ना है दिल की अब
एक आरजू सी बन गयी है अब
तेरा संग रहे सदा तमन्ना बन गयी है अब

जो बदला ये संसार मेरा तेरे कारण है
हर पल ख़ुशी का जो आलम तेरे कारण है
ये ख़ुशी तुझसे ये समां तेरे कारण है
ये बढ़ा महत्व तेरे कारण है

अंधेरो में था या अंधेरो की आदत थी हमे
जब उठा था हर भरोसा खुद से
जब था नहीं कोई अपना कहीं
लड़े जा रहे थे हम खुद से

एक 'दोस्त' मिला हमे उस वक़्त
तुम आई जिंदगी में उस वक़्त
हर मुस्किल में साथ थी तुम मेरे
हर ग़म में साथ थी तुम मेरे

तुम सुनती मेरी हर बात
मुस्कुराती समझती रही हर बात
तेरा साथ देने का तरीका भी कुछ अजीब था
'दोस्त' बन हर पल साथ देने का तरीका अजीब था
दुनिया जिसे मान चुकी नाकारा
'भरोसा' तुझे उसपे न जाने क्यों था

तेरी हर बातो में जो स्नेह पते थे हम
हर पल तुझे अपना समझ पाते थे हम
तुने आ के तस्वीर बदल दी हमारी
तुने आ के जिंदगी बदल दी हमारी
तुने आ के तकदीर बदल दी हमारी

तेरे भरोसे ने बना दिया हमे इस लायक
सर उठा के चल पाते है हम हर वक़्त
वोह तेरा प्यार ही था जो हर पल मेरे साथ था
वो तेरा विश्वास ही था जो मेरा विश्वास था

एक गुजारिश है तुझसे ए मेरे 'दोस्त'
हाथ थम ले मेरा चल मेरे संग हर ओर
हर ख़ुशी में हम संग मुस्कुराये
हर ग़म में एक-दूजे के संग हो जाये
हर पल तू रहे सदा मेरी
आखें खोलू तो बस तुझे पाऊ

नहीं चल सकता मैं तेरे बिना
नहीं रह सकता मैं तेरे बिना
नहीं हस सकता मैं तेरे बिना
नहीं जी सकता मैं तेरे बिना

क्यूँ

क्यों किसी के बात पे इस कदर विश्वास होता है
क्यों उसके संग अपनेपन का एहसास होता है
क्यों
वो पुरे भीड़ में अपना खास होता है
क्यों उसकी बात कर जाती है इतना दीवाना हमे
जब आँखें बंद करो उसके पास होने का एहसास होता है

क्यों उसकी
आँखों में खुद का चेहरा ढूँढते है हम
जब भी वो मुस्कुराता हमारे साथ होता है
ना जाने क्यों ये दिल बेताब होता है
उसका जाना धड़कने बढ़ा देता है
जाने क्यों उसका आना दीवाना बना देता है






Tuesday, October 11, 2011

कहीं दूर ना हो जाये तू मुझसे

तेरे साँसों में बसने की एक आरज़ू जो है इस दिल में
तू महक मेरी जीवन की बन जाये
जब खोलू मै अपनी आँखें सवेरे
तुझे मुश्कुरता अपने पास पाऊ
बेफिक्र है तू सदा मेरी मोहबत से ए मेरे नूर
बस तेरी मुस्कराहट दर्द-ऐ-दिल की दवा बन जाये

जब से दिल को ये यकीन हुआ तू साथ है मेरे,
वादे किये हमने तुझ संग जीने के,
तेरी आँखों के काजल को एक टक तकने के,
आलम बना ये मेरे जहाँ का जब से
बेचैन हो उठता मै रातो को, कहीं रूठ ना जाये तू मुझसे

तुझे चाहना मुक़मल जहाँ देता मुझे ,
तेरी आँखें अंधेरो में रोशिनी देरी मुझे,
जब भी होता ये मन उदास तू ख़ुशी देती मुझे
दर लगता इस दिल को कहीं दूर ना हो जाये तू मुझसे

कितनी मोहबत छिपी इस दिल में तेरे लिए
बयां करना मुस्किल है मेरे लिए
बस इतना सुम्झ ले ए बेखबर
तेरे बिन सांसें लेना मुश्किल है मेरे लिए