Monday, December 26, 2011

ए माँ तू इतनी महान क्यों है!!

ए माँ तू इतनी प्यारी क्यों हैं

मेरी ख़ुशी मेरे हर ग़म का हिस्सेदार क्यों है

तेरी हर बातो में मेरे लिए प्यार क्यों है

तेरी हर डांट में मेरे लिए छुपा प्यार क्यों है

माँ!! तेरे आंचल में इतना सकून क्यों है

तेरे आंचल में मेरा जहाँ महफूज क्यों है

तेरे प्यार में इतनी शक्ति क्यों है

दुनिया के तमाम वय्न्जानो एक तरफ

तेरे हाथो के सुखी रोटी में इतनी मिठास क्यों है

माँ!!मेरे मुस्कान से तेरे चेहरे पे मुस्कान

मेरे ग़म से तेरे आँखों में अश्रु क्यों है

तेरा प्यार झरने सा निरंतर क्यों है

तेरा प्यार सागर सा असीमित क्यों है

माँ!!तेरी हर बोली मिश्री सी मीठी क्यों है

तेरी हर बोली आशीर्वाद सा क्यों है

मै दुनिया में सबसे प्यारा, सबसे अच्छा

इसका एहसास इतना विश्वास तुझे क्यों है

ए माँ तू इतनी महान क्यों है

माँ तेरे प्यार में इतना दम क्यों है

ए माँ तू इतनी महान क्यों है

ए माँ तू इतनी महान क्यों है