Saturday, July 30, 2011

एक चाहत.....

या तो तू इतना प्यारा है या तेरा साथ
हम काटों पे भी फूल का एहसास पाए जा रहे

माना तेरे हर शब्दों में मिश्री है
पर तेरी इन बातो के दीवाने हम हुए जा रहे

या तो तू एक ख्वाब है या एक एहसास
तेरे आँखों के साहिल में हम बहे जा रहे


मन बुने जा रहा हजारो ख्वाब
तू दे मेरा साथ चले सारे कदम मेरे साथ

मौका या दस्तूर कहो या नाम दो कुछ और
पर हर पल अब तुम याद आये जा रहे

ये माना की मिले चार दिन नहीं बीते हमे
पर तेरे संग जीवन भर चलने की तमन्ना किये जा रहे

चले जा रहे है हम मुसाफिरों की तरह
जिधर भी यह तमन्ना लिए जा रही

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