कुछ तो बात है तेरी हसरत में ज़ालिम
वरना इन चाँद तारो को मै रात भर न ताकता
कुछ तो बात है तेरी आँखों में सनम
वरना इश जुल्मी जहां में मैं तुझे न धुंधता
कुछ तो बात है तेरी मुस्कान में जानम
वरना हर सुबह, एक सुहानी शाम का इंतजार मैं न करता
कुछ तो बात है तुझमे ए मेरे हम नफ़ज़
वरना हर शक्श में में तू मुझको ना दिखता
कुछ तो बात है तुझमे ए मेरे हम सफ़र
वरना ज़िन्दगी भर तेरे साथ रहने की आरजू मैं ना करता
कुछ तो बात है तेरी फितरत में ज़ालिम
वरना तुझे चाहने की खता मैं बार बार ना करता
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