Thursday, October 27, 2011

क्यूँ

क्यों किसी के बात पे इस कदर विश्वास होता है
क्यों उसके संग अपनेपन का एहसास होता है
क्यों
वो पुरे भीड़ में अपना खास होता है
क्यों उसकी बात कर जाती है इतना दीवाना हमे
जब आँखें बंद करो उसके पास होने का एहसास होता है

क्यों उसकी
आँखों में खुद का चेहरा ढूँढते है हम
जब भी वो मुस्कुराता हमारे साथ होता है
ना जाने क्यों ये दिल बेताब होता है
उसका जाना धड़कने बढ़ा देता है
जाने क्यों उसका आना दीवाना बना देता है






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