Thursday, January 27, 2011

एक जाम और उनकी याद

आज यह शाम उनका चेहरा सामने लायी
वोह आज फिर मेरे ख्वाबो में मुश्कायी

पाया खुद को सबसे करीब उनके
उनकी नज़रो को अपनी नजरो में

मुश्कुराते चेहरे ने बोला यह प्यार है आपका
बस क्या था हमरी मुश्कान भी खिल आई

मुश्किल है जरा उन्हें चाहने से रोक पाना क्यों चाहे ये दिल उनका दीदार
हर बेबसी में जाने क्यों यह दिल उशी बेवफा को ही याद करता है

जब खुली आँखें तोह मैखाने में थे हम
हाथ में जाम और जुबान पे उनका नाम था

हर महल संजोया है मैंने उनकी यादो में
उनका हर दर्द बाटने की चाह थी हमारी


हर पल में साथ हो क भी वोह दूर थे हमसे
दूरियाँ भी थी ऐसी दोस्तों
आँखें बंद करते वोह बस नज़रो में ही थे
और खुली आँखों से मीलो की दूरियाँ

आँखें बंद कर जीने को हम है तैयार बैठे इश उम्र भर
गर समझ ले वोह हमारा प्यार बस एक पल के लिए
डूबा पड़ा था उनके नशे में इस कदर
न पता था कल ना थी खबर आज की खबर
और वोह बेवफाई कर मुश्कुरा रहे बेखबर

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