एक प्यारी सी गुडिया थी तू मेरी
हर पल में इठलाती मुशकुराती गुडिया थी तू मेरी
हर इंसानी रिश्तो से ऊपर मेरी प्यारी गुडिया थी तू मेरी
हर इंसानी रिश्तो से ऊपर दुलारी गुडिया थी तू मेरी
हाँ एक प्यारी गुडिया थी तू मेरी
जब जब तू मुशकुराती
हर रोज़ एक नए नाम से बुलाती थी
नखरो से भरे इठलाती थी
हर दर्द मैं भूल जाता था
तेरे बचपने में मैं भी बच्चा बन जाता था
तेरे संग मैं भी गुनगुनाता था
हर सुबह तेरी आवाज़ एक नया सवेरा लाती थी
हर नखरे हर हर हरकत में तू मुझको भाती थी
एक कविता सा तेरा प्यार मेरे दिल में तेरे लिए था प्यार अपार
मुशकुराती इठलाती हर पल में थी तू अनमोल
हर रिश्तो से ऊपर थी मेरे लिए तू चारो ओर
तेरा मुश्काना हर ग़म भुलाता था तेरा रोना हलचल सा मचाता था
समय बदला रिश्ते बदले फिर बदला यह संसार
इश फरेबी दुनिया ने बदला तेरा प्यार
दिखा दिया तुने दुनिया की रीत अलग नही तू भीड़ में
झूठ फरेब की दुनिया ने कर दिया तुझे बर्बाद
आम लोगो के भीड़ में मैंने भी भुला दिया तेरा प्यार
नही अब तू मेरे लिए कोई खास नही अब तू मेरे लिए कोई खास
आज खोया मैंने एक पवित्र रिश्ता है
तू नही कुछ मेरे लिए एक मैंने सोचा है
तेरे संग जीना अब एक झूठ के संग जीना है
एक झूठ के संग जीना है
दिल को छू गई
ReplyDeletebahut sundar..........word varification hataa le
ReplyDeletebohot hi achha likha hai...very touchy!!
ReplyDeletebehad pyari rachna
ReplyDeletedil ko bheetar tak chhoo gayi
aabhaar
shubh kamanayen
भावपूर्ण पंक्तियाँ.
ReplyDeleteआदरणीय,
ReplyDeleteआज हम जिन हालातों में जी रहे हैं, उनमें किसी भी जनहित या राष्ट्रहित या मानव उत्थान से जुड़े मुद्दे पर या मानवीय संवेदना तथा सरोकारों के बारे में सार्वजनिक मंच पर लिखना, बात करना या सामग्री प्रस्तुत या प्रकाशित करना ही अपने आप में बड़ा और उल्लेखनीय कार्य है|
ऐसे में हर संवेदनशील व्यक्ति का अनिवार्य दायित्व बनता है कि नेक कार्यों और नेक लोगों को सहमर्थन एवं प्रोत्साहन दिया जाये|
आशा है कि आप उत्तरोत्तर अपने सकारात्मक प्रयास जारी रहेंगे|
शुभकामनाओं सहित!
डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’
सम्पादक (जयपुर से प्रकाशित हिन्दी पाक्षिक समाचार-पत्र ‘प्रेसपालिका’) एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष-भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान (बास)
(देश के सत्रह राज्यों में सेवारत और 1994 से दिल्ली से पंजीबद्ध राष्ट्रीय संगठन, जिसमें 4650 से अधिक आजीवन कार्यकर्ता सेवारत हैं)
फोन : 0141-2222225 (सायं सात से आठ बजे के बीच)
मोबाइल : 098285-02666
इस सुंदर से चिट्ठे के साथ हिंदी ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!
ReplyDelete