हर रिश्ते नाजुक सी डोर होते है
हर पल में कुछ अपने कुछ दूर होते है
हर उबाल हर जोश में कई भेद होते है
क्यों मान बैठते है हम अंजानो को अपना
जब की हर रिश्ते ही समय की भूल होते है
हर रिश्ते में छिपी एक आस होती है
क्यों हर रिश्ते में सुच की तलाश होती है
धोखा देना धोखा पाना झूठ फरेब में जीना
आज कल की रीत है
यह जानता हर शक्स हर शक्स में फरेब होते है
इंसानी रिश्तो की कदर नही इश दुनिया को
बस दिखावा के लिए हर बोल होते है
सुनते सुनाते हर पल जाते है
सच का पता चलते हर पर्र्वत हिल जाते है
प्यार मुहबत कहने को हर दिल में
असल में मतलब साधने के यह खेल होते है
जिनके मुह्स्कुराने से सुबह सी खिल आती है
हर बात पे उनको याद करना एक आदत सी बन जाती है
हर पल हर छन में जो आपके होते है
एक छोटे से झूठ के लिए
दिल में नासूर बन जाते है
है फरेबी दुनिया ये सब मतलब के नाते है
जानते हम सब सही फिर भी फस जाते है
मुझे गलत न सुम्झाना ए दुनिया वालो
पर सुच कहूँ तोह मुह बोले रिश्ते तोह क्या खून के रिश्ते भी बदल जाते है
यह दुनिया की रीत है
सागर की लहरू में बहता है हर नाता एक प्रीत है
कोई संग आता कोई मझदार में मिलता
कुछ मांझी बनते जीवन पर्यंत है
कुछ लहरू में छुट जाते है तोह कुछ खुद से खो जाते है
हर इंसान है करता गलती इंसान को सुम्झने में
पर बार बार यह गलती करना इंसानी रीत है
ग़म नही मुझे इश बात का धोका दिया किसी ने
ग़म इश बात का है उसे अपने जिगर का टुकड़ा माना
bahut dard bhara blog hai bhai...........:(
ReplyDeleteiss baar toh ankhein namm ho gyi...
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